Kalpanalok भाग 5-आत्मा की झील
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Atma ki Jheel |
🌳 जादुई जंगल की रहस्यमय कहानी – भाग 5
✨ शीर्षक: आत्मा की झील
पिछले भाग में:
आरव और चिंटू को गुफा में एक रहस्यमयी दीवार मिली, जिससे तेज़ रोशनी निकलकर आरव को बेहोश कर देती है...
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🌌 भाग 5: आत्मा की झील
जब आरव की चेतना लौटी, उसने खुद को एक नीले कोहरे से घिरे घाट पर पाया। सामने एक शांत और चमकती हुई झील थी — लेकिन यह साधारण झील नहीं थी। उसकी सतह पर कोई भी परछाई नहीं बन रही थी।
काया की आवाज़ गूंजी,
"यह है आत्मा की झील — जहाँ हर रक्षक को अपनी आत्मा का सामना करना होता है।"
आरव धीरे-धीरे झील के पास गया। जैसे ही उसने पानी को छुआ, सतह पर लहरें बनीं और उसमें उसकी खुद की एक छवि उभरी — लेकिन वह छवि अलग थी। उसकी आँखें लाल थीं, और चेहरा गुस्से से भरा हुआ।
"यह कौन है?" आरव चौंक गया।
काया बोली,
"यह तुम्हारी छाया है — वह रूप जो डर, लालच और अहंकार से बनता है। यदि तुम इससे डर गए, तो आत्मा की झील तुम्हें वापस नहीं लौटने देगी।"
आरव ने साहस किया और झील के अंदर उतर गया।
झील के भीतर वह एक रहस्यमयी दुनिया में पहुँचा — जहाँ समय स्थिर था और हर सोच एक रूप ले लेती थी। वहाँ उसकी छाया ने उस पर हमला किया। लेकिन आरव ने लड़ाई नहीं की — उसने अपनी कमज़ोरियों को स्वीकार किया।
जैसे ही उसने कहा,
"मैं डरता हूँ, लेकिन मैं सच्चाई से भागूंगा नहीं,"
छाया मुस्कराई और विलीन हो गई।
झील के तल से एक चमकता हुआ रत्न उठा और आरव के हाथ में आ गया। झील ने उसे बाहर फेंक दिया — लेकिन अब उसकी आँखों में आत्मविश्वास और भीतर कोई गहराई थी।
काया धीरे से बोली,
"अब तुम तैयार हो। अगले द्वार की चाबी तुम्हें मिल गई है।"
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🔮 अगले भाग में:
"छाया द्वार और जंगल का ह्रदय" – आरव की अगली परीक्षा उस जगह होगी जहाँ जंगल की आत्मा सो रही है...
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