Kalpanalok-भाग 6: आत्मा का संदेश

Atma ka Sandesh



🌳 जादुई जंगल की रहस्यमय कहानी – भाग 6

शीर्षक: आत्मा का संदेश

पिछले भाग में:
आरव की आत्मा आत्मा-झील में कैद हो जाती है। चिंटू उसे जगाने की कोशिश करता है, लेकिन तभी उसे किसी रहस्यमयी आवाज़ की गूंज सुनाई देती है...


🌌 भाग 6: आत्मा का संदेश

चिंटू कांपते हुए झील के पास बैठा था।
"आरव! उठो ना यार… देखो मैं बहुत डर रहा हूँ…" – उसकी आवाज़ में सिहरन थी।

तभी झील की सतह पर हलचल हुई। पानी के बीचोंबीच नीली रोशनी चमकने लगी और एक पारदर्शी चेहरा झील की सतह पर उभर आया — वो आरव की आत्मा थी!

"चिंटू..." आत्मा ने धीरे से कहा, "मैं अभी तुम्हारे पास नहीं आ सकता। ये झील सिर्फ शुद्ध हृदय वालों की परीक्षा लेती है।"

"परीक्षा? कैसी परीक्षा?" – चिंटू हैरान था।

"झील मेरे डर, लालच और झूठ को सामने लाकर मुझे क़ैद कर चुकी है।"
"तुम्हें मेरी मुक्ति के लिए तीन सत्य कर्म करने होंगे – बिना स्वार्थ के, बिना डर के, और बिना झूठ के।"

चिंटू की आँखों में आँसू थे, लेकिन उसने सिर हिलाया।
"मैं करूँगा, आरव! चाहे कुछ भी हो जाए।"

अचानक झील के किनारे पर तीन चट्टानें चमकने लगीं। हर एक पर एक शब्द उभरा:

  • साहस
  • सच्चाई
  • सेवा

"ये हैं तुम्हारे तीन रास्ते," आत्मा ने कहा।
"हर चट्टान के पीछे एक चुनौती है। और जब तुम तीनों पार कर लोगे… मैं वापस लौट आऊँगा।"

झील की रोशनी बुझ गई, और सबकुछ फिर से शांत हो गया।

चिंटू अब अकेला नहीं था – उसके दिल में अब एक मिशन था।
वो एक बार आरव की ओर देखता है और फिर साहस की चट्टान की ओर कदम बढ़ाता है…


🔮 जारी रहेगा…

📖 अगले भाग में:
क्या चिंटू पार कर पाएगा पहली परीक्षा? साहस की चट्टान पर उसका सामना किससे होगा?

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