Kalpanalok भाग 9- सच का आईना
![]() |
Sach ka Ayina |
🌳 जादुई जंगल की रहस्यमय कहानी – भाग 9
✨ शीर्षक: सच का आईना
पिछले भाग में:
आरव और चिंटू कल्पनाओं की दुनिया में पहुँच गए थे, जहाँ हर सोच हकीकत बन रही थी। मगर अब उन्हें असली रहस्य के और करीब जाना है...
🪞 भाग 9: सच का आईना
कल्पनाओं की दुनिया में आरव और चिंटू को हर चीज़ अपनी सोच के अनुसार मिल रही थी — मिठाइयों से भरे पेड़, बादलों पर झूलते झूले, और जानवर जो कविताएँ पढ़ते थे। पर इस सब के बीच आरव को कुछ अजीब महसूस हो रहा था — जैसे कोई छिपा हुआ सच उनसे कुछ कहना चाहता हो।
एक दिन चलते-चलते उन्हें एक चमकती झील मिली, जिसके बीचों-बीच एक विशाल आईना खड़ा था। उसके चारों ओर लिखा था:
"जो देखोगे यहाँ, वही होगा तुम्हारा सच।"
चिंटू ने मज़ाक में आईने के सामने नाच कर देखा — और झील में सचमुच वही दृश्य उभर आया। मगर जब आरव आईने के पास पहुँचा, आईने ने कुछ और ही दिखाया —
उसके बचपन की एक भूली हुई याद... जब उसके दादा ने कहा था:
"आरव, हर कल्पना की जड़ एक सच्चाई होती है। मगर जो सच्चाई को पहचान ले, वही असली जादूगर बनता है।"
आईना फिर धुंधला हो गया और उसमें एक नया दरवाज़ा खुला, जिसके ऊपर लिखा था:
"सच की राह कठिन है, पर वही असली जादू की शुरुआत है।"
आरव और चिंटू ने एक-दूसरे की ओर देखा — और बिना हिचक, उस दरवाज़े की ओर बढ़ गए।
अगले भाग में:
क्या ये दरवाज़ा उन्हें कल्पनालोक के अंतिम रहस्य तक ले जाएगा? कौन सा सच उनका इंतज़ार कर रहा है?
🧩 जारी है…
For such kind of fantacy story please follow the blog 🙏🙏🙏🙏🙏
Comments
Post a Comment