कल्पनालोक भाग 23- पुनर्जन्म या समाप्ति

🌳 जादुई जंगल की रहस्यमय कहानी – भाग 23 ✨ शीर्षक: पुनर्जन्म या समाप्ति --- पिछले भाग में: आरव और चिंटू ने अपने दुःख का त्याग कर अनुग्रह की बूँद को ऊर्जा-स्तम्भ में अर्पित किया। कल्पनालोक पुनः जीवन से भर उठा। परंतु समय का चक्र अंतिम बार घूमते ही उनके सामने एक रहस्यमयी द्वार प्रकट हुआ — “यह द्वार है पुनर्जन्म का… या समाप्ति का।” --- इस भाग में: द्वार के सामने खड़े आरव और चिंटू के हृदय में अनगिनत प्रश्न उमड़ने लगे। चारों ओर मौन छाया था, केवल द्वार के भीतर से आती प्रकाश-लहरें उन्हें बुला रही थीं। अचानक, द्वार से एक गूंजती हुई आवाज़ आई — > “जो इस पार जाएगा, उसे नया जीवन मिलेगा — परंतु अपनी पुरानी स्मृतियाँ खो देनी होंगी। जो वहीं ठहरेगा, वह कल्पनालोक की आत्मा बनकर अमर हो जाएगा — परंतु स्वयं का अस्तित्व त्यागना होगा।” चिंटू का मन डोल रहा था। “अगर हम स्मृतियाँ खो देंगे तो क्या हमारी दोस्ती भी मिट जाएगी?” उसने धीरे से पूछा। आरव मुस्कराया, उसकी आँखें चमक रही थीं। “दोस्ती स्मृतियों में नहीं रहती, चिंटू। वह आत्मा में होती है। अगर हम पुनर्जन्म भी पाएंगे, तो कहीं-न-कहीं, किसी-न-किसी रूप में फिर स...